योगासन, प्राणायाम, बंध, मुद्रा एवं ध्यान

योग शब्द संस्कृत के युज धातु से बना है जिसका अर्थ है जुड़ना परम पूज्य गुरुदेव के अनुसार जीवन जीने की कला योग है योग द्वारा शरीर,मन  एवं आत्मा में संतुलन उत्पन्न किया जा सकता है

योग क्यों आवश्यक है?

योगाभास शरीर को स्वस्थ,मन को शांत रखता है |न्यूरो मसकुलर संतुलन कर सामान्य प्रसव में मदद करता है तनाव मुक्त रखता है

योगाभ्यास से नेगेटिव हार्मोन  कार्टिसॉल का स्तर कम एवं एन्डोरफिन हार्मोन पाज़िटिव हार्मोन का  स्राव बढ़ जाता है ,जो भावी माता पिता को शारीरिक ,मानसिक एवं भावनात्मक रूप से स्वस्थ और संतुलित कर  gametes के गुणों मे सुधार लाता है योगाभ्यास हमारे  पैल्विक  रिजन और  प्रजनन अंगों पर अच्छा प्रभाव  डालता है इसलिए एक दिव्य सद्गुणी संतान हेतु  गर्भपूर्व भावी माता पिता को प्राणायाम, ध्यान, योगासन  करने का प्राविधान  बताया गया है |